सिंगरौली

देवसर के रास्ते से झोखो-गोपद नदी के पार जिले के सीमावर्ती बहरी में खप रहा कोयला, महीने में लाखो का खेला

अमहाडीह में बना है अघोषित कोलयार्ड, अधिकारी बेखबर

सिंगरौली । जिले के सीमावर्ती गोपद नदी पार अमहाडीह बहरी में अघोषित रूप से कोलयार्ड कारोबारियों ने बना दिया है। अघोषित कोलयार्ड में पर्यावरण सुरक्षा का कितना ख्याल रखा गया है। देखने से ही समझ में आ जाऐगा। वही चुरहट के समीप कठौतहा में कोयला परिवहन करने के लिए टीपी जारी होती है। लेकिन कोयला गोपद नही के समीप परिवहन कर दिया जा रहा है। हालांकि कोयला एक पखवाड़े पूर्व का है।

दरअसल बहरी क्षेत्र में भी कोल कारोबारियों को प्रभाव बढता जा रहा है। देवसर के रास्ते से यूपी तक का कोयला झोखो-गोपद नदी के पार वह अमहाडीह बहरी में अघोषित रूप से कोलयार्ड बना कर खपा दिया जा रहा है। यह कारोबार पिछले 2 साल से चल रहा है। परन्तु मजाल क्या है? कि कोई अधिकारी कारोबारियों को टोक दे। उसके पीछे एक ही बात का चर्चा है की रीवा में पूर्व में पदस्थ रहे एक पूर्व अधिकारी का दखल था। उक्त अधिकारी के नाम से अच्छे-अच्छे के पसीने आने लगते थे।

हालाकि उक्त अधिकारी का तबादला हो गया है और इसी कथित अधिकारी के संरक्षण में गोपद नदी के किनारे बहरी अंंचल में कोयले का परिवहन किया गया है। हालाकि कोयले का डम्प एक पखवाड़े पूर्व का है। लेकिन उक्त कोयले को चुरहट के समीप कठौतहा में डम्प करने के लिए टीपी जारी होती है। बदले में कोयले को बहरी में ही डम्प कर दिया जा रहा है।

 

सूत्र बताते है कि इस अवैध कोयले के डम्पिंग एरिया के बारे में सीधी के अधिकारी भी भली-भांति जानते है। लेकिन रेत कारोबारियों के विरूद्ध कार्रवाई करने से परहेज कर रहा है। इसके पीछे कारण जो भी हो, अधिकारी ही बता पायेंगे। वही अघोषित कोलयार्ड के समीप पर्यावरण सुरक्षा का कितना ख्याल रखा जा रहा है। इसके स्थल को देखने से ही सब कुछ पता चल जायेगा। जिस वक्त हवा चलता है उस दौरान कोयले का डस्ट भी उड़ता रहता है। फिर भी पर्यावरण अमला अंजान बना हुआ है।

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